Delhi Meerut Metro : ब्रह्मपुरी स्टेशन तैयार, लेकिन यहां नहीं रुकेगी नमो भारत! जानिए पूरा अपडेट

Delhi Meerut Metro (दिल्ली-मेरठ मेट्रो) : दिल्ली से मेरठ के बीच दौड़ती ‘नमो भारत’ ट्रेन ने NCR में सफर का तरीका ही बदल दिया है। लोग अब आराम से, ट्रैफिक से बचते हुए, कम समय में अपने गंतव्य तक पहुंच पा रहे हैं। लेकिन इस प्रोजेक्ट का एक पहलू लोगों को चौंका रहा है – ब्रह्मपुरी स्टेशन बनकर तैयार है, फिर भी यहां पर ट्रेन नहीं रुकेगी। ऐसा क्यों? आइए जानते हैं इस पूरे मुद्दे को विस्तार से।

Delhi Meerut Metro : स्टेशन बन गया, पर सेवा नहीं शुरू

ब्रह्मपुरी स्टेशन मेरठ शहर का एक अहम हिस्सा है, जहां जनसंख्या घनत्व काफी अधिक है। यहां स्टेशन की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी।

  • स्टेशन का निर्माण पूरा हो चुका है।
  • प्लेटफॉर्म्स, लिफ्ट, एस्केलेटर और अन्य आधारभूत सुविधाएं भी लग चुकी हैं।
  • स्टेशन पर बोर्डिंग की अनुमति नहीं दी गई है यानी ‘नमो भारत’ ट्रेन यहां नहीं रुकेगी।

आम लोगों की परेशानी

श्रीमती रेखा देवी, जो ब्रह्मपुरी क्षेत्र में रहती हैं और दिल्ली में जॉब करती हैं, बताती हैं – “स्टेशन सामने बना है लेकिन ट्रेन नहीं रुकती। हमें अब भी मेरठ सेंट्रल या मोदीपुरम जाकर ट्रेन पकड़नी पड़ती है। इससे समय और पैसा दोनों बर्बाद होता है।”

दिल्ली-मेरठ मेट्रो : क्यों नहीं रुकेगी नमो भारत ब्रह्मपुरी स्टेशन पर?

इसका कारण NCRTC (नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांजिट कॉर्पोरेशन) ने यह बताया है कि शुरुआती चरण में सीमित स्टॉप्स के साथ ही संचालन किया जाएगा ताकि यात्रा समय कम हो।

  • समय बचाने के लिए फिलहाल कुछ चुनिंदा स्टेशनों पर ही रुकाव
  • कम भीड़भाड़ और सुगम संचालन के लिए यह निर्णय
  • भविष्य में यात्रियों की संख्या के आधार पर स्टॉपेज जोड़े जा सकते हैं

अधिकारियों की सफाई

NCRTC के अधिकारियों का कहना है कि सभी स्टेशन तकनीकी रूप से तैयार हैं, लेकिन संचालन और सुरक्षा के मानकों को ध्यान में रखते हुए कुछ स्टेशनों को बाद में शुरू किया जाएगा।

मेरठ के अन्य स्टेशन और उनकी स्थिति

नमो भारत ट्रेन के तहत मेरठ में कई स्टेशन बनाए गए हैं। उनमें से कुछ इस प्रकार हैं:

स्टेशन का नामस्थितिवर्तमान में ट्रेन रुकती है?
मोदीपुरम डिपोचालूहां
मेरठ नॉर्थचालूहां
ब्रह्मपुरीनिर्माण पूर्णनहीं
मेरठ सेंट्रलचालूहां
बेगमपुलनिर्माण पूर्णनहीं
मेरठ साउथचालूहां
दुहाईचालूहां

यात्रियों की प्रतिक्रियाएं

लोगों में इस फैसले को लेकर नाराजगी है। कई स्थानीय निवासियों का कहना है कि अगर स्टेशन बन चुका है तो उसका उपयोग क्यों नहीं हो रहा।

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भविष्य में क्या बदलेगा?

NCRTC ने संकेत दिया है कि यात्रियों की संख्या, मांग और संचालन की समीक्षा के बाद ब्रह्मपुरी जैसे स्टेशनों को भी शुरू किया जा सकता है।

  • जैसे-जैसे यात्री संख्या बढ़ेगी, रुकाव वाले स्टेशनों की संख्या बढ़ेगी।
  • तकनीकी और सुरक्षा मानकों की समीक्षा होगी।
  • स्थानीय नेताओं और जनप्रतिनिधियों के दबाव में भी परिवर्तन संभव है।

क्या ब्रह्मपुरी के लोगों को कोई विकल्प है?

फिलहाल ब्रह्मपुरी के लोगों के पास दो विकल्प हैं:

  1. मेरठ सेंट्रल या मेरठ साउथ जाकर ट्रेन पकड़ना
  2. लोकल ट्रैफिक या रोडवेज बसों का उपयोग करना

यह न सिर्फ समय लेने वाला है बल्कि जेब पर भी भारी पड़ता है।

मेरे अनुभव से क्या सिख सकते हैं?

मैं खुद जब मेरठ गया था तो देखा कि ब्रह्मपुरी स्टेशन पूरी तरह से तैयार है। बाहर गार्ड खड़े हैं, लाइटिंग और साफ-सफाई भी शानदार है, लेकिन कोई यात्री नहीं। अंदर जाना मना है क्योंकि संचालन चालू नहीं है। यह देखकर अजीब सा लगता है कि करोड़ों रुपए की लागत से बना स्टेशन अभी खाली पड़ा है।

यह अनुभव हमें क्या सिखाता है?

  • हर योजना को जमीन पर उतरने में समय लगता है।
  • शुरुआती फैसले कई बार ट्रायल बेसिस पर लिए जाते हैं।
  • लेकिन लोकल लोगों की समस्याओं को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।

उम्मीद अब भी ज़िंदा है

ब्रह्मपुरी स्टेशन भले ही अभी चालू नहीं हुआ हो, लेकिन इसकी उम्मीद जिंदा है। जनता की आवाज़ और ग्राउंड लेवल से आई प्रतिक्रियाएं सरकार और एजेंसियों को मजबूर करती हैं कि वे दोबारा अपने फैसलों पर विचार करें। यदि आप भी ब्रह्मपुरी के निवासी हैं या इस तरह की स्थिति से जूझ रहे हैं, तो सोशल मीडिया, जनप्रतिनिधियों और सरकारी फीडबैक चैनलों के ज़रिए अपनी बात पहुंचाना ज़रूरी है।

दिल्ली-मेरठ मेट्रो प्रोजेक्ट देश के सबसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट्स में से एक है और इसकी सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि आम जनता को इससे कितनी सुविधा मिलती है।

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